अब वह समय आ गया है जब हमें अपने पर्व-त्योहार, जयंती और उत्सवों को पर्यावरण से जोड़कर मनाएं-स्वामी चिदानंद सरस्वतीजी

अब वह समय आ गया है जब हमें अपने पर्व-त्योहार, जयंती और उत्सवों को पर्यावरण से जोड़कर मनाएं-स्वामी चिदानंद सरस्वतीजी



''पवन गुरू पानी पिता माता धरत महत'' 


ऋषिकेश, 16 सितम्बर। परमार्थ निकेतन में बंगला साहिब गुरूद्वारा के चेयरमैन सरदार परमजीत सिंह चंडोक, सरदार रनसिंह जी, अध्यक्ष धर्मप्रचार समिति, सरदार सचेन्द्र सिंह जी, सदस्य गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी पधारे। उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंटवार्ता कर गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा सुल्तानपुर में कार्तिक पूर्णिमा को आयोजित श्री गुरू नानक जी की 550 वीं जयंती समारोह में सहभाग हेतु आमंत्रित किया।
 स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सरदार परमजीत सिंह चंडोक जी के आमंत्रण को स्वीकार करते हुये कहा कि श्री नानक जी की 550 वीं जंयती पर आयोजित प्रकाश पर्व वास्तव में अद्भुत, अनोखा और विलक्षण होगा। उन्होने कहा कि आज से लगभग 525/530 वर्ष पूर्व गुरू महाराज ने स्वयं कहा है कि ''पवन गुरू पानी पिता माता धरत महत'' अर्थात उन्होने वायु को गुरू, पानी को पिता और धरती को माता का दर्जा देकर उनके संरक्षण का संदेश दिया। मुझे तो लगता है उनकी 550 वीं जयंती पर वायु, जल और पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लिया जाये।
 स्वामी जी ने कहा कि अब वह समय आ गया है जब हमें अपने पर्व-त्योहार, जयंती और उत्सवों को पर्यावरण से जोड़कर मनायें और अन्य सभी कार्यक्रमों को पर्यावरण के हितों को ध्यान में रखते हुये आयोजित करें। उन्होने 8 अगस्त 2019 को जलवायु परिवर्तन पर प्रकाशित आईपीसीसी की रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा कि रिपोर्ट में बताया गया कि जलवायु परिवर्तन के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति प्रभावित होने से दुनिया के सामने खाद्य संकट उत्पन्न होने का खतरा मंडरा रहा है। हाल के दशकों में जलवायु परिवर्तन के कारण विश्व स्तर पर अनाज के उत्पादन में 10 प्रतिशत की कमी आयी है। साथ ही जल वैज्ञानिक भी वर्ष 2040 तक पूरी दुनिया में पीने योग्य जल वर्तमान की तुलना में आधा रहने का दावा कर रहे है। वहीं दूसरी ओर वर्ष 2050 तक विश्व की आबादी बढ़कर 10 अरब होने की संभावनायंे जतायी जा रही है। स्वामी जी ने कहा कि दोनों स्थितियां एक दूसरे के विपरीत हैं एक ओर जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर पीने योग्य जल और खाद्य सामग्री में कमी आ रही है। उन्होने कहा कि इस ओर तत्काल सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।
 स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सरदार चंडोक जी से कहा कि श्री गुरूनानक जी की 550 वीं जयंती पर कुछ ऐसी व्यवस्था बनायी जायें कि गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा सुल्तानपुर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर जितने भी लोग आये उन्हें पर्यावरण और जल संरक्षण का संदेश दिया जाये। साथ ही एक ओर लंगर चले तो दूसरी ओर पौधांे का भी लंगर लगाया जायें और श्रद्धालुओं को लंगर चखने के साथ एक-एक पौधा रोपित करने के लिये प्रेरित किया जायें और उन्हें पौधें के संरक्षण की जिम्मेदारी सौंपी जायंे तो यह गुरू नानक जी को हम सभी की ओर से सच्ची भावाजंलि होगी।
 पंजाब के युवकों में छाऐ नशे के बारे में भी स्वामी जी ने कहा कि इस अवसर पर नशामुक्ति अभियान चलाया जायें तथा बाहरी प्रदूषण के साथ-साथ मन और दिमागों के प्रदूषण रूपी अंधेरे को भी दूर करने का इस प्रकाश पर्व पर संकल्प करे और दूसरों को भी कराया जायें।
 स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, बंगला साहिब गुरूद्वारा के चेयरमैन सरदार परमजीत सिंह चंडोक जी, सरदार रनसिंह जी, अध्यक्ष धर्मप्रचार समिति, सरदार सचेन्द्र सिंह जी, सदस्य गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी ने विश्व स्तर पर जल की आपूर्ति हेतु वाटॅर ब्लेसिंग सरेमनी की।