42 साल के बैडमिंटन इतिहास में पहली बार भारतीय शटलर पीवीसंधु बनी विश्व चैम्पियन

42 साल के बैडमिंटन इतिहास में पहली बार भारतीय शटलर पीवीसंधु बनी विश्व चैम्पियन


बासेल। भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु ने स्विट्जरलैंड के बासेल में खेली जा रहीवर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हरा दिया। उन्होंने इस मैच को 21-7, 21-7 से अपने नाम कर लिया। वे इस टूर्नामेंट के 42 साल के इतिहास मेंचैम्पियन बनने वाली पहली भारतीय बन गईं। सिंधु 2017, 2018 में रजतऔर 2013, 2014 में कांस्य पदक जीतीथीं।


इससे पहले भारतीय खिलाड़ियों में साइना नेहवाल 2015 के फाइनल में हार गई थीं। पुरुषों में 1983 में प्रकाश पादुकोण और इस साल बी साई प्रणीत कांस्य पदक जीते थे।ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी 2011 में महिला डबल्स में कांस्य जीती थी।


वर्ल्ड चैम्पियनशिप के इतिहास में यह सिर्फ दूसरा मौका होगा, जब भारतीय शटलर दो पदक के साथ स्वेदश लौटेंगे। इससे पहले 2017 में साइना ने कांस्य जीता था। वहीं, सिंधु ने रजत पदक अपने नाम किया था। इस साल सिंधु के अलावा प्रणीत ने भी पदक जीतने में सफल रहे।


पांचवीं सीड सिंधु ने सेमीफाइनल में चीन की चेन यू फेई को 21-7, 21-14 से हराया। इससे पहले क्वार्टरफाइनल में दूसरी सीड ताइपे की ताई जू यिंग को हराया था। सिंधु लगातार तीसरी बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचीं थी। इससे पहले 2018 में उन्हें स्पेन की कैरोलिना मरीन और 2017 में जापान की नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ खिताबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था।
सिंधु वर्ल्ड रैंकिंग में पांचवें और ओकुहारा चौथी स्थान पर हैं। दोनों के बीच अब तक 16 मैच खेले गए। इनमें सिंधु ने 9 बार जीत दर्ज की। ओकुहारा को सिर्फ सात मुकाबलों में सफलता मिली। सिंधु ने दोनों के बीच हुए पिछले मैच में भी जीत हासिल की थी।