इस दिवाली जलें केवल ग्रीन पटाखे

इस दिवाली जलें केवल ग्रीन पटाखे





  • सरकार ने जारी किए हैं ग्रीन पटाखे ताकि वायुमंडल के प्रदूषण को नियंत्रित रखा जा सके


नई दिल्ली/देहरादून। दीपावली के अवसर पर इस साल केंद्र सरकार ने ग्रीन पटाखे जारी किए है।  इनमें अनार, पेंसिल, चकरी, फुलझड़ी और सुतली बम शामिल हैं। सरकार का दावा है कि सामान्य पटाखों के मुकाबले ग्रीन पटाखों से प्रदूषण 30 फीसदी तक कम होगा।विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का कहना है कि इस बार दिवाली पर देश भर में प्रदूषण कम करने वाले ग्रीन पटाखे बाजार में मिलेंगे।


दिवाली पर आमतौर से इस्तेमाल किए जाने वाले चाइनीज पटाखों में पाए जाने वाले तत्त्व एक्‍सप्‍लोजिव रूल्‍स 2008 के खिलाफ है और यह हानिकारक है। इनमें लेड, कॉपर, ऑक्‍साइड और लीथियम जैसे प्रतिबंधित केमिकल्‍स का इस्‍तेमाल किया जाता है। पटाखों में पाए जाने वाले ऐसे तत्त्व न केवल पर्यावरण को बल्कि स्वास्थ्य को भी हानी पहुंचाते हैं।


गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद ग्रीन पटाखों पर विचार किया गया।


वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने ग्रीन पटाखों को बनाने में अहम काम किया। पटाखा कंपनियों ने करीब 230 सहमति-पत्रों और 165 नॉन डिसक्लोजर एग्रीमेंट्स (NDA) पर हस्ताक्षर किए हैं।


क्या होते है ग्रीन पटाखे- एक्सपर्ट्स बताते हैं कि पटाखे को पूरी तरह से पलूशन-फ्री यानी प्रदूषण रहित नहीं बनाया जा सकता लेकिन CSIR यानी काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने पटाखों का ऐसा फॉर्म्युला तैयार किया है जिसे ग्रीन पटाखों की कैटिगरी में रखा जा सकता है।


दुनिया में सबसे ज्यादा पटाखों का उत्पादन चीन में होता है। वहीं इसके बाद भारत का नंबर आता है। भारत में तमिलनाडु के शिवकाशी में सबसे ज्यादा पटाखों का उत्पादन होता है। शिवकाशी में 1000 पटाखा मैन्युफैक्चर्स हैं। इनका सालाना कारोबार 6000 करोड़ रुपये का है।


दिवाली में पटाखों के धुंए और शोर से होने वाली चर्चा, आंखों और स्वास जैसी अनेकों बिमारियों से बचने के लिए यह जरुरी हो गया है कि न केवल पटाखों को छुटाने में सावधानी बरती जाए, बल्कि यह भी जरुरी हो गया है की पटाखों में इस्तेमाल होने वाले लेड, कॉपर, ऑक्‍साइड और लीथियम जैसे प्रतिबंधित केमिकल्‍स जैसे घातक पदार्थों से बचाव के लिए भी सावधानी बरतते हुए केवल ग्रीन पटाखों का ही इस्तेमाल किया जाए।