अपने ही घर में गिरे इमरान, जनरल बाजवा को ज़िहाद के लिए एलओसी परभेजने की मांग

अपने ही घर में गिरे इमरान, जनरल बाजवा को ज़िहाद के लिए एलओसी परभेजने की मांग



देहरादून। पाकिस्तान में  प्रधानमंत्री इमरान खान की स्थिति कुछ ऐसी हो गई है कि न तो उनसे  निगलते बन रहा है और न उगलते बन रहा है।  भारत के द्वारा धारा 370 और 35 ए पर कार्यवाही करने के बाद पाकिस्तान अपनी ही हरकतों से अपने लिए   दुर्दिनों का इंतजाम कर रहा है। जी-7 सात समेट में भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी। उधर आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान बुरी तरह से विफल है। इन सबके बीच  इमरान खान ने शुक्रवार को अपनी जनता का आह्वान किया था कि वे दोपहर 12:00 से लेकर 12:30 के बीच  में एलओसी के नजदीक इकट्ठे होकर भारत के खिलाफ प्रदर्शन करें। जिसकी व्यापक प्रतिक्रिया पाकिस्तान में हुई है। अनेकों पत्रकारों ने भी ट्वीट करके  इमरान के इस सुझाव का मजाक उड़ाया है जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और इस तरह का माहौल बनाना चाह रहा है कि भारत जम्मू-कश्मीर के लोगों पर जुल्म कर रहा है। पाकिस्तान इसको लेकर दुनियाभर के सामने गुहार लगा रहा है, लेकिन कोई उसे सुन नहीं रहा है।


इमरान की इस अपील की आलोचना हो रही है, पाकिस्तानी पत्रकार ही इमरान को आईना दिखाने में जुटे हैं। कई पत्रकारों ने लिखा है कि इमरान खान को पहले देखना चाहिए कि वह अपने देश में क्या कर रहे हैं।


सोशल मीडिया पर लगातार कई पाकिस्तानी पत्रकार इस अपील का मज़ाक उड़ा रहे हैं, या फिर आलोचना कर रहे हैं। अक्सर ट्विटर पर इन मुद्दों पर लिखने वालीं नायला इनायत ने भी तंज कसते लिखा, 'ब्रेकिंग!! भारत से आ रहे हवा और पानी को पाकिस्तान 12 से 12.30 के बीच रोकेगा।'
इतना ही नहीं, लगातार पाकिस्तानी नेताओं के द्वारा 'कश्मीर बनेगा पाकिस्तान' के नारे को दोहराने पर भी उन्होंने तंज कसा और लिखा कि पाकिस्तान हमेशा ऐसा नहीं था, हमने अच्छे दिन भी देखे हैं। 1962 में भी हम तब कश्मीर जीतने की ही कोशिश कर रहे थे।
पाकिस्तानी मूल के पत्रकार ताहा सिद्दीकी ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा पर तंज कसते हुए लिखा कि जनरल बाजवा को LoC पर जेहाद करने के लिए भेज देना चाहिए। अगर वह जीतते हैं तो कश्मीर फ्री हो जाएगा और हारते हैं तो पाकिस्तान फ्री हो जाएगा।


आपको बता दें कि इससे पहले भी पाकिस्तानी पत्रकारों ने इमरान खान के कई फैसलों पर सवाल खड़े किए हैं। फिर चाहे एयरस्पेस को बंद रखना हो, राजनयिक संबंधों को बंद करना हो। इमरान खान ने पाकिस्तान के लोगों को संबोधित करते हुए अपील की थी कि हमें ऐसा दिखाना होगा कि हम कश्मीर के लोगों के साथ हैं, तभी दुनिया हमारी बात सुनेगी।