धूम्रपान न छोड़पाने वालों के लिए इ-सिगरेट बेहतर विकल्प
धूम्रपान न छोड़पाने वालों के लिए इ-सिगरेट बेहतर विकल्प

 

नई दिल्ली। (भाषा) धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों को आश्वस्त होना चाहिए कि संगत विज्ञान की नई समीक्षा के अनुसार सिगरेट पीने की तुलना में ई-सिगरेटों का सेवन करना श्‍वासकोश के लिए बहुत कम हानिकारक है। श्वसन संबंधी चिकित्सा की विशेषज्ञ समीक्षा (Expert Review of Respiratory Medicine) पत्रिका में प्रकाशित नए लेख में यह दावा किया गया है कि इसका बढ़ता हुआ साक्ष्य है जो यह दर्शाता है कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (EC) उत्सर्जन एयरोसोल तंबाकू के धुएं की तुलना में सापेक्ष रूप से सुरक्षित हैं। डॉ. रिकार्डो पोलोसा (Dr. Riccardo Polosa), कैटेनिया विश्वविद्यालय में CoEHAR (क्षति की कमी में तेजी लाने के लिए उत्कृष्टता केंद्र) (Center of Excellence for the Acceleration of HArm Reduction) के निदेशक के नेतृत्व में “श्वसन संबंधी स्वास्थ्य पर ई-सिगरेट एयरोसोल उत्सर्जन का प्रभाव: एक वर्णनात्मक समीक्षा” 

 

जो लोग अपने स्वास्थ्य के बारे में कुछ करना चाहते हैं, उनके संबंध में हमारी समीक्षा यह दर्शाती है कि यदि वे छोड़ना नहीं चाहते या पूरी तरह नहीं छोड़ सकते, तो ई-सिगरेट का उपयोग करना बहुत अच्छा विकल्प है। कोई भी व्यक्ति यह सिद्ध नहीं कर सकता कि ई-सिगरेट सौ प्रतिशत सुरक्षित है, लेकिन समस्त विज्ञान यह इंगित करता है कि ई-सिगरेट धूम्रपान करने से बहुत अधिक सुरक्षित है,” डॉ. पोलोसा ने कहा। 

 

पोलोसा ने आगे कहा: “हम लोक स्वास्थ्य इंग्लैंड (Public Health England) और लंदन चिकित्सक रॉयल कॉलेज (Royal College of Physicians of London) की इस बात से सहमत हैं कि इस आधार पर आगे बढ़ना तर्कसंगत है कि ई-सिगरेट का सेवन करना धू्म्रपान करने से कम से कम 95% कम जोखिमपूर्ण है और संभवतः इससे भी कम जोखिमपूर्ण है।” 

 

इसके निष्कर्ष दर्शाते हैं कि प्रयोगात्मक अध्ययनों की स्पष्ट एवं सटीक रिपोर्टिंग के अभाव से ई-सिगरेट के श्वसन स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों के संबंध में भ्रम की स्थिति बन गई है।

 

“सिगरेट के सेवन से होने वाली लाखों मौतें एक सतत, आसन्न तथा रोकने योग्य योग्य त्रासदी को दर्शाती हैं जिसके संबंध में अलग-अलग घटकों को लेकर एक तार्किक जोखिम-लाभ विश्लेषण किया जाना चाहिए,” डॉ. पोलोसा ने कहा। “हमारे विचार में ऐसे साक्ष्य की संख्या लगातार बढ़ रही है जो यह दर्शाता है कि सिगरेट को इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट से प्रतिस्थापित करना तंबाकू वाली सिगरेट के प्रयोग में कमी लाने का एक कारगर तरीका है। दुर्भाग्य से, तुलनात्मक जोखिमों के संबंध में उपभोक्ता की समझ विरूपित है, और पिछले कुछ वर्षों में बहुत कम वयस्क धूम्रपान करने वालों ने ई-सिगरेट को तंबाकू वाली सिगरेट से कम हानिकारक समझा है। इन गलत धारणाओं के गंभीर वास्तविक परिणाम होते हैं और इनमें सुधार की आवश्यकता है।”  

 

पोलोसा और अन्य द्वारा लिखा गया लेख उपर्युक्त में से अधिकतर गलत धारणाओं को ठीक करने और जनता से धूम्रपान करने वालों के व्यक्तिगत तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने के तरीके के संबंध में बात करते हुए आधिकारिक संदर्भ प्रदान करने के लिए प्रथम प्रयास है। पूर्व में धूम्रपान करने वाले एवं वर्तमान में ई-सिगरेट का प्रयोग करने वाले लोगों तथा धूम्रपान के एवजी के रूप में ई-सिगरेट के प्रयोग की इच्छा रखने वाले लोगों को इन उत्पादों के संभावित जोखिमों तथा लाभों के संबंध में तथ्यात्मक सूचना प्राप्त करने का अधिकार है। जोखिम के सम्प्रेषण में सुधार से ऐसे धूम्रपान करने वाले ई-सिगरेट को अपनाने के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं जो धूम्रपान छोड़ना नहीं चाहते अथवा छोड़ नहीं सकते, और अंततः इससे तंबाकू के सेवन से होने वाली श्वसन रोगों संबंधी कुछ मौतें तथा बीमारियाँ कम हो सकती हैं अथवा रुक सकती हैं। 

 

इस समीक्षा के लेखकों ने यह भी पाया कि जिन धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों ने सिगरेट को ई-सिगरेट से प्रतिस्थापित किया उन्होंने धूम्रपान के लक्षणों (खांसी, बलगम) में सुधार का अनुभव किया और उनमें साँस के साथ कार्बन मोनोऑक्साइड छोड़ने की मात्रा में कमी आई। ये परिणाम ऐसे धूम्रपान करने वालों के लिए अधिक लाभदायक थे जिन्होंने सिगरेट को पूरी तरह से ई-सिगरेट से प्रतिस्थापित कर दिया।  

 

दमा और चिरकालिक प्रतिरोधी फुप्फुसीय रोग (chronic obstructive pulmonary disease - COPD) जैसी बीमारियों वाले धूम्रपान करने वालों के लिए ई-सिगरेट प्रयोग करने के लक्षणों पर लाभप्रद प्रभाव हो सकते हैं, हालाँकि फेफड़ों के कार्य संचालन पर ई-सिगरेट के पूर्ण प्रभाव का निर्धारण करने के लिए अतिरिक्त आँकड़ों की आवश्यकता है।