नैनीताल में भारी वाहनों के आने-जाने पर लगा प्रतिबंध

नैनीताल में भारी वाहनों के आने-जाने पर लगा प्रतिबंध



नैनीताल। वर्ष 2012 में पर्यावरण कार्यकर्ता अजय सिंह रावत द्वारा  प्रस्तुत की गई एक जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए माननीय न्यायाधीश लोकपाल सिंह जी एवं माननीय न्यायाधीश सुधांशु धूलिया जी की पीठ ने  27 अगस्त को अपने निस्तारण आदेश में नैनीताल क्षेत्र से सभी भारी वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है साथ ही सरकार को निर्देश दिया है कि वह 6 माह के भीतर नैनीताल के लिए मास्टर प्लान बनाए।
माननीय न्यायालय ने इस बात का संज्ञान लिया कि ऐसा कोई विशेष कारण नहीं है  जिसके कारण सरकार नैनीताल के लिए अभी तक मास्टर प्लान को अंतिम रूप नहीं दे सकी हो।
 न्यायालय ने आपातकालीन  परिस्थितियों के अतिरिक्त तुरंत रूप से नैनीताल से सभी भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। माननीय न्यायालय का यह भी कहना था कि नैनीताल में नए होटलों को प्रोत्साहित ना किया जाए भले ही सरकार सरोवर नगरी में होम स्टे जैसी योजनाओं को प्रोत्साहित कर सकती है।
याचिकाकर्ता अजय सिंह रावत ने अपनी याचिका में नैनीताल की ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में अनाधिकृत और खतरनाक निर्माण कार्यों के विरुद्ध चिंता प्रकट की थी।
 याचिकाकर्ता का कहना था कि ऐसे निर्माण कार्य ना केवल अनाधिकृत और कानून के उल्लंघन करते हैं बल्कि पर्यावरण को भी किसी ना किसी रूप में हानि पहुंचाते हैं।
याचिकाकर्ता ने माननीय न्यायालय का ध्यान इस ओर भी दिलाया कि ऐसे निर्माण नैनीताल की प्रतिबंधित क्षेत्र में भी हो रहे हैं जबकि ऐसे चित्रों को संवेदनशील घोषित किया जा चुका है।
 याचिका में माननीय न्यायालय से संपूर्ण नगर क्षेत्र को इको सेंसेटिव जोन घोषित करने की अपेक्षा की गई थी जैसा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और वन मंत्रालय की टीम ने 2003 में अनुमोदित किया था।
माननीय न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि नैनीताल में केवल गर्मियों ही यात्रियों का सीजन नहीं है बल्कि वर्ष भर यहां पर यात्रियों का आना जाना लगा रहता है। न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा कि नैनीताल में पार्किंग का स्थान बहुत कम है।
माननीय न्यायालय ने अपने आदेश में जिलाधिकारी नैनीताल तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल को प्रत्येक यात्रा सीजन से पहले नैनीताल क्षेत्र में यातायात की स्थिति का संज्ञान लेने और  ट्रैफिक प्लान बनाने के निर्देश भी दिए।