आखिर कहाँ गया गदरपुर बस अड्डे का पैसा देहरादून,। परिवहन निगम में एक बड़ी वित्तीय अनियमितता सामने आई है। परिवहन निगम ने बस अड्डे के लिए जारी राशि को बिना अनुमति के अन्य मदों में खर्च कर दिया। हालांकि, अभी तक निगम इन मदों को स्पष्ट नहीं कर पाया है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने इसकी जांच प्रबंध निदेशक परिवहन निगम रणजीत सिंह चौहान को सौंपी है। उन्हें शीघ्र जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपने को कहा गया है। परिवहन निगम को ऊधमसिंह नगर जिले के अंतर्गत गदरपुर में वर्ष 2010-11 में बस अड्डा निर्माण के उद्देश्य से जमीन लेने के लिए शासन ने 1.70 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। यहां तकरीबन 1.5 एकड़ जमीन में बस अड्डा बनाया जाना था। यह जमीन वन विभाग की थी। इसकी प्रतिपूर्ति को यह धनराशि निगम को जारी कर दी गई। इस बीच निगम को दूसरे स्थान पर मुफ्त में सरकारी जमीन मिल गई। इस स्थिति में निगम को यह धनराशि शासन को वापस करनी थी लेकिन निगम ने ऐसा किया नहीं और बिना शासन की अनुमति के इस पैसे को खर्च कर दिया गया। इससे यह प्रकरण वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आ गया है।   कुछ समय पहले यह प्रकरण शासन के सामने आया। इस पर परिवहन निगम के अधिकारियों से जानकारी तलब की गई। निगम के अधिकारियों ने बताया कि यह धनराशि दूसरी मदों पर खर्च कर दी गई है। हालांकि, निगम के अधिकारी यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि किस अधिकारी ने और किस मद में इस धनराशि को खर्च किया है। यह भी कहा गया कि उच्च स्तर से मिले निर्देशों पर यह पैसा खर्च किया गया है। इस पर अब शासन ने कड़ा रुख अपनाया है। सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने प्रबंध निदेशक परिवहन निगम को इस मामले की विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए हैं।  शैलेश बगोली (सचिव परिवहन) का कहना है कि यह प्रकरण संज्ञान में आया है। इस मामले में प्रबंध निदेशक को जांच करने को कहा गया है। वह अपने स्तर से जांच करने के बाद इसकी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएंगे। अनियमितता पाए जाने पर दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।स अड्डे के लिए जारी राशि को बिना अनुमति के अन्य मदों में खर्च कर दिया। हालांकि, अभी तक निगम इन मदों को स्पष्ट नहीं कर पाया है।

आखिर कहाँ गया गदरपुर बस अड्डे का पैसा, ब्याज समेत हो वसूली



देहरादून,। परिवहन निगम में एक बड़ी वित्तीय अनियमितता सामने आई है। परिवहन निगम ने बस अड्डे के लिए जारी राशि को बिना अनुमति के अन्य मदों में खर्च कर दिया। हालांकि, अभी तक निगम इन मदों को स्पष्ट नहीं कर पाया है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने इसकी जांच प्रबंध निदेशक परिवहन निगम रणजीत सिंह चौहान को सौंपी है। उन्हें शीघ्र जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपने को कहा गया है।


परिवहन निगम को ऊधमसिंह नगर जिले के अंतर्गत गदरपुर में वर्ष 2010-11 में बस अड्डा निर्माण के उद्देश्य से जमीन लेने के लिए शासन ने 1.70 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। यहां तकरीबन 1.5 एकड़ जमीन में बस अड्डा बनाया जाना था। यह जमीन वन विभाग की थी। इसकी प्रतिपूर्ति को यह धनराशि निगम को जारी कर दी गई। इस बीच निगम को दूसरे स्थान पर मुफ्त में सरकारी जमीन मिल गई। इस स्थिति में निगम को यह धनराशि शासन को वापस करनी थी लेकिन निगम ने ऐसा किया नहीं और बिना शासन की अनुमति के इस पैसे को खर्च कर दिया गया। इससे यह प्रकरण वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आ गया है।  
कुछ समय पहले यह प्रकरण शासन के सामने आया। इस पर परिवहन निगम के अधिकारियों से जानकारी तलब की गई। निगम के अधिकारियों ने बताया कि यह धनराशि दूसरी मदों पर खर्च कर दी गई है। हालांकि, निगम के अधिकारी यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि किस अधिकारी ने और किस मद में इस धनराशि को खर्च किया है। यह भी कहा गया कि उच्च स्तर से मिले निर्देशों पर यह पैसा खर्च किया गया है। इस पर अब शासन ने कड़ा रुख अपनाया है। सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने प्रबंध निदेशक परिवहन निगम को इस मामले की विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए हैं। 
शैलेश बगोली (सचिव परिवहन) का कहना है कि यह प्रकरण संज्ञान में आया है। इस मामले में प्रबंध निदेशक को जांच करने को कहा गया है। वह अपने स्तर से जांच करने के बाद इसकी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएंगे। अनियमितता पाए जाने पर दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।स अड्डे के लिए जारी राशि को बिना अनुमति के अन्य मदों में खर्च कर दिया। हालांकि, अभी तक निगम इन मदों को स्पष्ट नहीं कर पाया है।