अलविदा विक्रम लैंडर: खोज अभियान समाप्त
बंगलूरू। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के वैज्ञानिकों ने अपने चंद्रयान 2 मिशन से पूरे जगत का ध्यान खींचा है। चंद्रमा पर भविष्य की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता हालांकि chandrayaan-2 अपने अभियान में पूरी तरह सफल नहीं हो सका तो भी उसका ऑर्बिटर चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है और अगले 7 वर्षों तक वह भारतीय वैज्ञानिकों को फोटो और आंकड़े प्रेषित करता रहेगा।
Chandrayaan-2 के साथ भेजे गए विक्रम लेेंडर जो संपर्क की निरंतरता में विघ्न आने से सॉफ्ट लैंडिंग की बजाय हार्डलैंडिंग के कारण चंद्रमा की सतह पर तिरछा गिर गया था अब उससे वैज्ञानिकों का संपर्क असंभव है क्योंकि विक्रम लेंडर में चंद्रमा की सतह पर कार्य करने के लिए धरती के अनुसार मात्र 14 दिनों का इंधन मौजूद था वह समाप्त हो चुका है। इस प्रकार विक्रम लेेंडर से संपर्क साधना अब असंभव है।
इसरो ने अपने वैज्ञानिकों के साथ खड़े रहने के लिए दुनिया भर के लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया है। इसरो ने ट्वीट कर लिखा है कि हमारे साथ खड़ा होने के लिए आप सभी का धन्यवाद। हम दुनिया भर में भारतीयों की आशाओं और सपनों से प्रेरित होकर आगे बढ़ते रहेंगे। यानी इस संदेश को लेकर लोग यह भी कह रहे हैं कि अब इसरो वैज्ञानिक अगले मिशन की तरफ बढ़ रहे हैं। लेकिन चंद्रयान-2 मिशन पर भी नजर रखेंगे।
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