चार धाम विकास परिषद: सवाल हक हकूक का

चार धाम विकास परिषद: सवाल हक हकूक का



देहरादून। सरकार द्वारा श्राइन बोर्ड के गठन के सवाल पर चार धाम विकास परिषद से जुड़े पदाधिकारियों और सदस्यों को अपनी चिंता सताने लगी। उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन देकर अपने हक हकूक और अपने अधिकारों की बात सामने रखी है। ताकि अपने अर्थ का अनर्थ होने से रोक सकें इसी क्रम में मान्य मुख्यमंत्री जी से मुलाकात में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि चारधाम के बेहतर प्रबन्धन के लिये सभी को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चारों धामों के बेहतर प्रबन्धन के लिये ही चारधाम विकास परिषद का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि इन धामों में हक हकूक धारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जायेगा।
 चारधाम विकास परिषद के सदस्यों से सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम के प्रति देश विदेश के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधायें देना हमारा दायित्व है। अतः इससे जुड़े सभी लोगों को अपनी जिम्मेदारी भी समझनी होगी तथा यात्रा के बेहतर प्रबंधन के लिये कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि चारधाम विकास परिषद के अध्यक्ष को भी सदस्यों द्वारा पूरा सहयोग दिया जाना चाहिए ताकि वे व्यवस्थाएं और बेहतर बना सकें।
इस अवसर पर चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद मंमगाई ने कहा कि चारों धामों की व्यवस्था चारों धामों पर बनायी जायेगी। हक हकूकधारी यथावत बने रहेंगे। चारधाम विकास परिषद के अध्यक्ष के स्तर पर चारों धामों में व्यवस्थाएं संचालित होती रहेंगी। उन्होंने चारों धामों के बेहतर प्रबंधन के लिये सभी से अपना सहयोग देने को कहा है।
इस अवसर पर श्री कृष्ण कान्त कोठियाल अध्यक्ष चार धाम हक हकूकधारी, श्री लक्ष्मी नारायण जुगरान कोषाध्यक्ष चार धाम हक हकूकधारी, श्री विनोद शुक्ला अध्यक्ष केदार सभा, श्री दीपक सेमवाल सचिव श्री गंगोत्री मन्दिर समिति, श्री पवन उनियाल पूर्व उपाध्यक्ष मन्दिर समिति यमनोत्री आदि उपस्थित थे।