डेंगू के बुखार को एक साधारण इनफ्लुएंजा माने इसके मरीज की मृत्यु प्लेटलेट्स की कमी से नहीं होती -डॉक्टर बिष्ट

डेंगू के बुखार को एक साधारण इनफ्लुएंजा माने इसके मरीज की मृत्यु प्लेटलेट्स की कमी से नहीं होती -डॉक्टर बिष्ट,कोरोनेशन



देहरादून। डेंगू एक साधारण वायरल बुखार जो वायरल के माध्यम से होता है। इसे सामान्य इन्फ्लूएंजा बुखार की तरह लेना चाहिए। डेंगू के होने पर किसी तरह की हड़बड़ाहट की आवश्यकता नहीं है। डेंगू की लक्षणों के बारे में डॉक्टर बिष्ट का कहना है कि इसमें तेज बुखार आता है, पेट बदन व सिर में दर्द हो सकता है, उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं। इसका सबसे बड़ा लक्षण है हाथ पैरों का लाल हो जाना या ब्लिडिंग होना। यह कहना है डॉक्टर एन एस बिष्ट, एमडी, फिजिशियन, कोरोनेशन अस्पताल का।


डॉक्टर बिष्ट के अनुसार डेंगू दिन में काटने वाला और रुके हुए साफ पानी में रहने वाला एक मच्छर है जिसके कारण बुखार हो जाता है।


 आमतौर पर देखा गया है कि डेंगू के होने पर लोगों को प्लेटलेट्स लगाने की सलाह दी जाती है अथवा भी स्वयं मरीज या उसके परिजन इस बारे में उत्सुक रहते हैं और तरह-तरह की जांच करवाते हैं। यह सब अनुचित है डेंगू बुखार का प्लेटलेट्स से कोई संबंध नहीं है। इसलिए डेंगू के संबंध में प्लेटलेट्स के मामले को अब समाप्त माना जाना चाहिए। डेंगू के बारे में यह माना जाना गलत है कि इससे प्लेटलेट्स की कमी होने से मृत्यु हो सकती है। वास्तव में डेंगू में होने वाले मरीजों की मौत डेंगू से नहीं बल्कि डेंगू के मच्छर के काटने के बाद शॉक सिंड्रोम की वजह से मरीजों में जो दहशत फैलती है उससे मरीजों की मृत्यु हो सकती है न की डेंगू के होने के कारण।


डॉक्टर बिष्ट का कहना है कि आमतौर पर डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं होती जबतक कि शरीर से बहुत अधिक रक्तश्राव नहो रहा हो।
डॉक्टर बिष्ट ने बताया कि उनके पास डेंगू के बहुत से मरीज आए जिसमें 20 हजार प्लेटलेट्स वाले मरीज भी थे लेकिन उन्हें अतिरिक्त प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ी। इसके बिना ही वे ठीक हो गए। डेंगू में प्लेटलेट्स की आवश्यकता तभी पड़ती है जब मरीज को गंभीर रूप से रक्तस्राव हुआ हो।


डॉक्टर बिष्ट ने कहा कि देहरादून में इस बार डेंगू का प्रकोप काफी अधिक रहा है जो हमारे लिए यह जानने को काफी सहायक रहा है कि डेंगू मच्छर की क्लीनिकल साइकिल क्या है उसकी उत्पत्ति से लेकर उसकी जीवन चर्या भी जानने में हमें सहायता मिली है।


 डॉक्टर बिष्ट के अनुसार डेंगू को डेंगी भी कहा जाता है। इस मच्छर के काटने के बाद तभी समस्या उत्पन्न होती है जब शरीर में जगह-जगह लाल निशान हो जाते हैं या रक्तश्राव होने लगता है।


डॉक्टर बिष्ट ने सामाजिक संस्थाओं का आवाहन किया कि वे डेंगू के संबंध में जागरूकता फैलाएं ताकि डेंगू के मरीजों को अनावश्यक रूप से परेशानी और दहशत का सामना ना करना पड़े।


डॉक्टर बिष्ट ने यह भी बताया कि जितनी भी डेंगू पॉजिटिव या कम प्लेटलेट्स की रिपोर्ट उनके पास आई उनमें कोई भी डेंगू पॉजिटिव का केस नहीं पाया गया यह बड़े आश्चर्य की बात है कि इस तरह की बातें उठ रही हैं।