हिंदी दिवस की संध्या पर चंद पंक्तियाँ

हिंदी दिवस की संध्या पर चंद पंक्तियाँ


 


चंदा भी इसमें,  तो बिंदु भी इसमें
वेद-पुराण  सा  ज्ञान भी है इसमें।


ऊँकार! है इसमें,  निरंकार भी इसमें
सभी भाषाओं का समावेश है इसमें।


सुरमय  सरिता,   स्वर  व्यंजन  की
गद्य -छंद-पद्य की  विधा  भी इसमें।


ताल, राग,  भाव-भंगिमा और श्रंगार
नर्तन-कीर्तन, तप औ ध्यान भी इसमें


भाषा ही नहीं सद्य व्यवहार भी इसमें
ज्ञान-विज्ञान समाए 12खड़ियाँ इसमें


सम्प्रेषण-सम्भाषण, सारांश सब इसमें
पुष्पित-पल्वित सकल ब्रह्मांड भी इसमें


भारत की राजभाषा-राष्ट्र भाषा हिंदी!!
राष्ट्रवाद औ भ्रातृवाद का भाव है इसमें।


सभी देशवासियों को 
हिंदी दिवस की शुभकामनाएं!
जय हिंद! जय भारत!
--सुधीर गोयल, सम्पादक, वार्ता व्योम।