महात्मा गांधी के बाद भारत को मिला दूसरा 'बापू'

महात्मा गांधी के बाद भारत को मिला दूसरा 'बापू'....



 भारत की आजादी के लिए  शांति और अहिंसा का नया अस्त्र खोजने वाले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता मोहनदास करमचंद गांधी को महाकवि रविंद्र नाथ टैगोर ने महात्मा की उपाधि दी थी जो परिस्थिति जन्य एकदम उपयुक्त थी। महात्मा गांधी ने देश के विभिन्न वर्गों को साथ लेकर आजादी का एक ऐसा बिगुल बजाया था जिससे अंग्रेजों को मजबूर होकर भारत छोड़ना पड़ा। गांधी जी के अंग्रेजों भारत छोड़ो, नमक सत्याग्रह, दांडी मार्च आदि कुछ प्रमुख आंदोलन थे जिनसे अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिल गई थी। अपनी बात गांधीजी, सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए अनशन के माध्यम से मनवाते थे, जिसके लिए वे दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गए।




  •  (नमक आंदोलन के दौरान मोहनदास कर्मचंद गांधी "बापू")


हालांकि गांधी जी को अधिकारिक रूप से 'राष्ट्रपिता' या 'बापू' की उपाधि नहीं दी गई लेकिन पूरा देश उन्हें आदर और सम्मानवश बापू के रूप में ही जानता और पुकारता रहा है। आज भी गांधीजी बापू के रूप में ही देशवासियों के मन मस्तिष्क में बसे हुए हैं।


 दूसरी तरफ दुनिया भर में अपनी एक विशिष्ट छाप छोड़ने वाले भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी  को अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में आयोजित 'हाउ डी मोदी' कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए गए नरेंद्र मोदी के लिए अमेरिकी सरकार और वहां की जनता ने और वहां की जनता ने पलक पांवड़े बिछा दिए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मोदी से मुलाकात के दौरान उन्हें 'फादर ऑफ इंडिया' कह डाला। दरअसल मोदी और ट्रंप के बीच में आतंकवाद को लेकर गहन मशवरा चल रहा था इसी बीच ट्रंप बोल उठे मोदी है तो सब ठीक होगा।"ही इज़ फादर ऑफ नेशन।"


 इस प्रकार अब भारत के पास दो "फादर ऑफ नेशन" हो गए हैं, एक के बारे में कहा जाता है 
"दे दी हमें आजादी तूने बिना खडक बिना ढाल" 
तो दूजे को राष्ट्र से भी ऊपर उठकर अंतरराष्ट्रीय स्तर का नेतृत्व प्रदान करने वाला व्यक्तित्व माना जा रहा है। कुछ ज्योतिषियों ने तो यहां तक भविष्यवाणी कर दी है कि नरेंद्र दामोदरदास मोदी अखंड भारत का निर्माण करेंगे भारत के दोनों व्यक्तित्वों पर भारत के प्रत्येक नागरिक को गर्व है।