प्रदेश की भौगोलिक स्थिति के  मद्देनजर हेली एंबुलेंस की आवश्यकता है -मुख्यमंत्री

 प्रदेश की भौगोलिक स्थिति के  मद्देनजर हेली एंबुलेंस की आवश्यकता है -मुख्यमंत्री



 "वार्ता व्योम" ने उठाया था विगत आपदा के दौरान मामला


देहरादून। देश के पहले हेलीकॉप्टर सम्मेलन  के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विदेश में समय-समय पर आने वाली आपदा- विपदाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड दैवीय आपदा की दृष्टि से भी संवेदनशील राज्य है। आपदा प्रभावितों को बचाने व राहत पहुंचाने में हेली सेवाएं बहुत ही उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि हम राज्य में हेली एम्बुलेंस की सेवा देना चाहते हैं। दूरस्थ क्षेत्रों में गम्भीर रूप से बीमार लोगों को हायर सेंटर कम समय में पहुंचाने के लिए भी हेली एम्बुलेंस जरूरी है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में वर्ष में औसतन 2 लाख लोग हेली सेवाएं ले रहे हैं। हमारे यहां 51 हेलीपेड, 2 एयरपोर्ट व 1 एयरस्ट्रिप है। इसी प्रकार टिहरी में एक वाटर ड्रोम विकसित कर रहे हैं।
इसलिए यहां हेली सेवाओं की बहुत जरूरत है।


ज्ञात हो कि vartavyom.page  पर इन्हीं बरसात में हुई भारी बारिश/बादल फटने जैसी घटनाओं के बाद पर्वतीय क्षेत्रों में आई आपदा और उसके मद्देनजर घायल लोगों को राहत पहुंचाने के लिए  पर्वतीय क्षेत्रों में हेली एंबुलेंस उपलब्ध होने का मुद्दा  उठाया था।
 यदि  उत्तराखंड को हेली एंबुलेंस जैसी सुविधाएं मिल जाती है तो न केवल  आपदा के समय में  बल्कि युद्ध के समय में अथवा सीमांत क्षेत्रों में नियुक्त  सैनिकों और रहने वाले जनसामान्य को भी इस सेवा से बड़ा लाभ मिल सकता है।