राहत: राज्य सरकारें जुर्माना राशि 500 से 5000 रुपए के बीच रख सकती हैं

राहत: राज्य सरकारें जुर्माना राशि 500 से 5000 रुपए के बीच रख सकती हैं



नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारी-भरकम चालान से परेशान लोगों के लिए एक राहतभरी खबर दी है। उन्‍होंने कहा है कि नए मोटर वाहन अधिनियम-2019  को  पब्‍लिक और पार्टी लाइन से हटकर लोगों से समर्थन मिला है। जो लोग जुर्माना देने से नाखुश थे, वे भी सहमत हैं। उन्होंने कहा कि जुर्माना राज्‍य सरकारों द्वारा लगाया जाता है और वही इसे कलेक्‍ट करते हैं, केंद्र सरकार के पास जुर्माने का पैसा नहीं आता। यह केंद्र के राजस्व संग्रह का कोई मुद्दा नहीं है। राज्य सरकारें जुर्माना राशि 500 से 5000 रुपए के बीच रख सकते हैं, ऐसा करने का उन्हें अधिकार है।
बता दें नितिन गडकरी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि नए कानून के मुताबिक पहली गलती पर 500 रुपए तक का जुर्माना लगेगा, और दूसरी गलती पर 1500 तक का फाइन लगेगा। लेकिन राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो 500 या 1500 रुपए के फाइन को 100, 200 या 500 भी कर सकती है।
गौरतलब है कि 1 सितंबर 2019 से लागू हुए नए ट्रैफिक रूल के बाद से चालान के रोजाना नए रिकॉर्ड बन और टूट रहे हैं। दिल्ली से लेकर अन्य राज्यों में कई भारी-भरकम चालान काटे गए जो मीडिया में छाए रहे जिसे देखकर कुछ राज्य सरकारों ने पहले ही जुर्माने की राशि में बदलाव कर दिया था। अगर हैवी चालान की बात करें तो ओडिशा के संबलपुर में ट्रैफिक पुलिस ने एक ट्रक का 6 लाख से अधिक रुपए का चालान काट दिया था। संबलपुर में ओडिशा की ट्रैफिक पुलिस ने करीब 6,53,100 रुपए का जुर्माना लगाया था।