स्विस बैंको में भारतीयों के 100 से अधिक खाते हुए बंद, कालेधन की सूचना मिलनी हुई प्रारम्भ
देहरादून/नई दिल्ली/बर्न। वर्ष 2014 के आम चुनावों से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को स्विस बैंकों में रखे अथाह काले धन को वापस लाने और जनता में बांटने का भरोसा दिलाया था।
भले ही अभी तक विदेशी बैंकों में रखा काला धन देश में नया पाया हो लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर अनेकों देशों के साथ ऐसी व्यवस्था की गई उनके यहां रखी अघोषित भारतीय मुद्रा का विवरण भारत सरकार को मिल सके इसी के क्रम में लगभग से 5 साल बाद भारत सरकार को विदेशों में रखे काले धन की सूचना प्राप्त होनी शुरू हो गई है।
स्विट्ज़रलैंड ने आटोमेटिक सूचना आदान-प्रदान ढांचे के तहत इस महीने पहली बार कुछ सूचनाएं भारत को उपलब्ध कराई हैं।
भारत को मिले पहले दौर की सूचनाओं के विश्लेषण की तैयारी चल रही है और इनमें खाताधारकों की पहचान तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री उपलब्ध होने का अनुमान है। बैंकों और नियामकीय संस्थाओं के अधिकारियों ने बताया कि ये सूचनाएं उन खातों से जुड़ी हैं, जिन्हें लोगों ने कार्रवाई के डर से पहले ही बंद करा दिया है।
बैंक अधिकारियों ने कहा कि स्विट्जरलैंड की सरकार के निर्देश पर वहां के बैंकों ने डेटा इकट्ठा किया और भारत को सौंपा। इसमें हर उस खाते में लेन-देन का पूरा विवरण दिया गया है, जो 2018 में एक भी दिन सक्रिय रहे हों। उन्होंने कहा कि यह डेटा इन खातों में अघोषित संपत्ति रखने वालों के खिलाफ ठोस मुकदमा तैयार करने में बेहद सहायक साबित हो सकता है। इसमें जमा, हस्तांतरण तथा प्रतिभूतियों एवं अन्य संपत्ति श्रेणियों में निवेश से प्राप्त आय की पूरी जानकारी दी गई है।
कई बैंक अधिकारियों और नियामकीय अधिकारियों ने नाम गोपनीय रखने के अनुरोध के साथ कहा कि ये जानकारियां मुख्यत: कई दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, कुछ अफ्रीकी देशों तथा दक्षिण अमेरिकी देशों में रह रहे अनिवासी भारतीयों समेत व्यवसायियों से संबंधित हैं। बैंक अधिकारियों ने माना कि कभी पूरी तरह से गोपनीय रहे स्विस बैंक खातों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर शुरू हुई मुहिम के बाद पिछले कुछ सालों में इन खातों से भारी स्तर पर पैसे निकाले गए और कई खाते बंद हो गए। हालांकि, साझा की गई जानकारियों में उन खातों की भी सूचनाएं शामिल हैं, जिन्हें 2018 में बंद करा दिया गया।
इसके अलावा, भारतीय लोगों के कम से कम 100 ऐसे पुराने खाते भी हैं, जिन्हें 2018 से पहले ही बंद करा दिया गया। स्विट्जरलैंड इन खातों की जानकारियों को भी यथा शीघ्र साझा करने की प्रक्रिया में है। ये खाते वाहन कल-पुर्जा, रसायन, वस्त्र, रीयल एस्टेट, हीरा एवं आभूषण, इस्पात आदि कारोबार से जुड़े लोगों से संबंधित हैं। नियामकीय अधिकारियों ने कहा कि स्विस बैंकों से प्राप्त जानकारियों के विश्लेषण में उन सूचनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जो राजनीतिक संपर्क रखने वाले लोगों से संबंधित हैं।
अधिकारियों ने कहा कि राजनीतिक संपर्कों वाले लोगों की पहचान के लिए स्विस बैंक के आंकड़ों का विशेष करने पर विशेष फोकस है। स्वचालित व्यवस्था के तहत जानकारी दिए जाने से पहले स्विस प्रतिनिधिमंडल पिछले साल भारत दौरे पर आया था। भारत और स्विटजरलैंड के बीच कर संबंधी सूचनाएं मांगने के अनुरोधों पर जल्द कदम उठाए जाने और जानकारी साझा किए जाने की संभावित प्रक्रिया के बारे मे विचार किया गया।