भारतीय मूल के पति और उनकी पत्नी को मिला अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार

भारतीय मूल के पति और उनकी पत्नी को मिला अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार


 



  • अभिजीत बनर्जी की पत्नी हैं नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली सबसे युवा वैज्ञानिक एस्तेर डफ़्लो


ओस्लो। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में वर्ष 2019 में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए तीन लोगों को संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार दिये जाने की घोषणा हुई है।  इस वर्ष का अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार तीन अर्थशास्त्रियों को संयुक्त रूप से दिया गया है जिसमें भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी भी हैं। उनके अलावा जिन और दो लोगों को यह पुरस्कार दिया गया है उनके नाम हैं  एस्तेर डफ़्लो और माइकल क्रेमर।



2019 का एल्फ्रेड नोबेल की याद में दिया जाने वाला अर्थशास्त्र में स्वेरिग्स रिक्सबैंक (Sveriges Riksbank) पुरुस्कार अभिजीत बनर्जी, एस्तेर डफ़्लो और माइकल क्रेमर को संयुक्त रुप से उनके द्वारा वैश्विक गरीबी के उन्मूलन पर कितने गया एक कार्यों के लिए दिया गया है।
 
इन तीनों अर्थशास्त्रियों को वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए उनके प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है. अभिजीत बनर्जी मूलत: कोलकाता के रहने वाले हैं। उनका जन्म भी कोलकाता में ही हुआ है। उनके माता-पिता दोनों अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे हैं। अभिजीत बनर्जी वर्तमान में में एमआईटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। इनका जन्म 1961 में हुआ है। एस्तेर डफ़्लो अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पाने वाली दूसरी महिला अर्थशास्त्री हैं। साथ ही वे इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली सबसे युवा अर्थशास्त्री भी हैं।


मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के भारतवंशी प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी को 2019 का अर्शशास्त्र का नोबेल दिया गया है। उनके अलावा एमआईटी में ही प्रोफेसर अभिजीत की पत्नी एस्थर डुफ्लो और हार्वर्ड में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर माइकल क्रेमर को भी यह सम्मान दिया गया। 21 साल बाद किसी भारतवंशी को अर्थशास्त्र का नोबेल मिला है। अभिजीत से पहले हार्वर्ड में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अमर्त्य सेन को 1998 में यह सम्मान दिया गया था।


अभिजीत, एस्थर और माइकल क्रेमर को वैश्विक गरीबी कम किए जाने के प्रयासों के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल दिया गया। अमर्त्य सेन को कल्याणकारी अर्थशास्त्र के लिए नोबेल से सम्मानित किया गया था। उन्हें 1999 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।


अभिजीत विनायक बनर्जी 21 फरवरी 1961 में कलकत्ता में जन्में थे। यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता, जेएनयू और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं। उन्होंने 1988 में हार्वर्ड से पीएचडी की थी। अभिजीत की पहली शादी एमआईटी की प्रोफेसर डॉ. अरुंधति बनर्जी से हुई थी। दोनों साथ-साथ कलकत्ता में पले-बढ़े। हालांकि, 1991 में तलाक हो गया। इसके बाद 2015 में अभिजीत ने एस्थर डुफ्लो से शादी की। अभिजीत के साथ नोबेल जीतने वाली एस्थर भी एमआईटी में प्रोफेसर हैं।


नोबेल पुरस्कार की घोषणा के बाद डुफ्लो ने कहा- "एक महिला के लिए कामयाब होना और कामयाबी के पहचान बनाना संभव है। मुझे उम्मीद है कि इससे कई अन्य महिलाएं अच्छा काम जारी रखने के लिए और पुरुष उन्हें उचित सम्मान देने के लिए प्रेरित होंगे।"