ग्राहकों को भी मिल सकता है बैंको से हर्जाना जानें कैसे

ग्राहकों को भी मिल सकता है बैंको से हर्जाना जानें कैसे



नई दिल्ली। बैंकों द्वारा आए दिन नई-नई मदों में ग्राहकों से विभिन्न प्रकार के शुल्क वसूले जाते हैं  जबकि  बैंकों के ग्राहक, बैंकों के पास अपनी जमा पूंजी रखते हैं और बैंकों को उनके व्यवसाय के लिए संसाधन व सुविधा उपलब्ध कराते हैं।


ऐसा ही एक मद है बैंक से अपने पैसे की निकासी और कैश ट्रांजैक्शन। बैंकों द्वारा ग्राहकों से मासिक या वार्षिक आधार पर एक निर्धारित सीमा सेअधिक किए गये ट्रांजैक्शंस पर शुल्क वसूला जाता है। लेकिन कई बार ऐसे ट्रांजैक्शंस असफल हो जाते हैं यहां तक कि एटीएम से पैसा निकालते समय खाते से पैसा तो कट जाता है लेकिन एटीएम उसे असफल  ट्रांजैक्शन दिखाता है। ऐसे में संबंधित ग्राहक को दोहरा नुकसान होता है कई बार तो बैंक ऐसे असफल ट्रांजैक्शन में ग्राहक के खाते से काटी गई रकम को ग्राहक के खाते में कुछ दिन बाद उन्हें जमा कर देते हैं किंतु कई बार पैसा लंबे समय तक वापस खाते में जमा नहीं किया जाता। ऐसे में ग्राहक को अनावश्यक रूप से धन की गैरउपलब्धता का सामना करना पड़ता है और इससे ग्राहक के खाते में लगने वाले ब्याज पर भी असर पड़ सकता है। आरबीआई के निर्देशों के अनुसार यदि किसी एटीएम द्वारा धन निकासी को असफल करार दिया जाता है तो संबंधित बैंक को ग्राहक के पैसे जिस दिन एटीएम द्वारा पैसा निकालने का प्रयास किया गया हो उसके 5 दिन के भीतर संबंधित ग्राहक के खाते में वापस जमा करना अनिवार्य है। यदि बैंक ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें ग्राहक को प्रतिपूर्ति के रूप में जुर्माना देना होगा।


आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि ऑनलाइन लेन-देन फेल हो जाने के बाद अगर ग्राहकों को एक दिन के भीतर पैसा वापस नहीं मिलता है, तो बैंक और डिजिटल वॉलिट्स को ग्राहकों को प्रतिदिन 100 रुपये की पेनल्टी का भुगतान करना पड़ेगा।
यह नियम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), इमीडिएट पेमेंट सिस्टम (IMPS), ई-वॉलिट्स, कार्ड-टू-कार्ड पेमेंट और नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) पर लागू होगा। 
सिर्फ डिजिटल ही नहीं, नॉन-डिजिटल लेन-देन के लिए भी केंद्रीय बैंक ने टाइमलाइन तय की है। ऑनलाइन पेमेंट्स, एटीएम और माइक्रो एटीएम में फेल लेन-देन के लिए खाते में पैसे पहुंचने के लिए पांच दिन का वक्त तय किया गया है। 
आरबीआई के सर्कुलर में कहा गया है कि वित्तीय मुआवजे की बात हो ग्राहक के खाते में जल्द से जल्द पैसे पहुंच जाने चाहिए और उनकी शिकायत दर्ज कराए जाने का इंतजार नहीं किया जाना चाहिए