नैनीताल झील को लेकर नैनीताल जिला प्रशासन का महत्वपूर्ण फैसला
नैनीताल। नैनीताल शहर में स्थित नैनी झील में कुई झरनों से पानी गिरता है जो शहर को पीने का पानी उपलब्ध कराते हैं। इधर नैनी झील में गिरने वाले गंदे पानी का संज्ञान लेकर नगर वासियों ने कई बार आवाज उठाई है जिसका संज्ञान नगर में स्थित उच्च न्यायालय ने भी संज्ञान लिया है।
जिला प्रशासन नैनीताल ने नैनी झील में गिरने वाले गंदे पानी और झील में बढ़ने वाले प्रदूषण को देखते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है जिसके अंतर्गत चार मुख्य स्थानों पर कैमरा लगाए जाएंगे जिससे नैनी झील में गिरने वाले पानी की शुद्धता के बारे में पता चल सकेगा। नगर प्रशासन ने नैनी झील के चार मुख्य स्थानों पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे जिनमें बोट क्लब गांधी मूर्ति मल्लीताल शामिल है।
नैनी झील के चारों स्थानों पर लगाए जाने वाले कैमरे से नैनी झील में गिरने वाले झरनों के पानी की शुद्धता का पता चल सकेगा। बता दें कि नैनी झील में गिरने वाले झरने इस झील के स्तर को बनाए रखने और नैनीताल में पीने का पानी उपलब्ध कराने का मुख्य स्रोत में यह झरने आसपास के इलाकों से नैनी झील मैं गिरते हैं जिससे नैनी झील का स्तर भी बना रहता है और यहां से पानी की सप्लाई भी की जाती है झरनों से नैनीताल झील में गिरने वाली गंदगी का पता लगाना आसान हो जाएगा।
नैनीताल के जिलाधिकारी सविन बंसल के अनुसार हालांकि नैनी झील में गिरने वाले यह झरने नैनीताल स्थित नैनी झील में शुद्ध पानी का स्रोत हैं, लेकिन पिछले कुछ समय में कुछ झरनों के माध्यम से नैनी झील में घरेलू गंदगी व अन्य अशुद्धियों के गिरने का जिला प्रशासन ने संज्ञान लेकर चार प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी लगाने का निर्णय लिया है जिससे नैनी झील में गिरने वाली अशुद्धियों के बारे में पता चल सकेगा।
जिलाधिकारी के अनुसार नैनी झील में नए फ्लडगेट लगाए जाएंगे जिनके कंप्यूटर के आधार पर स्काडा (SCADA) सिस्टम के अनुसार खुलने और बंद होने का कार्य होगा। उन्होंने बताया कि नैनी झील में जो फ्लडगेट्स पहले से लगे हुए हैं वे ब्रिटिश काल के हैं उनको उन्नत किया जाएगा।नए गेट लगाने एवं पुराने गीतों को उन्नत करने के लिए ₹85 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है।