सिबिल(CIBIL)स्कोर तय करेगा आपके होम-लोन ब्याज की दरें

सिबिल(CIBIL)स्कोर तय करेगा आपके होम-लोन ब्याज की दरें



नई दिल्ली। अगर आप घर खरीदने के लिए होमलोन लेना चाहते हैं तो आपके लिए ये खबर महत्वपूर्ण है। क्योंकि कुछ पब्लिक सेक्टर के सरकारी बैंकों ने लोन देने के तरीके में बदलाव किया है। बैंक अब लोन के लिए सैलरी की जगह क्रेडिट स्कोर को तवज्जो दे रहे हैं। बैंक नए होम लोन के लिए क्रेडिट स्कोर का उपयोग करेंगे। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको होम लोन कम ब्याज दर पर मिलेगा। वहीं अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है तो आपको मिलने वाले होम लोन की ब्याज दर भी ज्यादा होगी।




तीन सरकारी बैंकों, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और सिंडिकेट बैंक ने अपने ग्राहकों को क्रेडिट स्कोर के आधार पर लोन देना शुरू किया है। इन तीनों बैंकों ने क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया (CIBIL) से मिले क्रेडिट स्कोर स्लैब (Credit Score Slab) के आधार पर लोन देंगे।



नए एक्सटर्नल बेंचमार्किंग व्यवस्था के तहत, अब बैंक ऑफ बड़ौदा नया लोन जारी करने के लिए सिबिल स्कोर (CIBIL Score) की मदद लेगा। अगर किसी ग्राहक का कुल क्रे​डिट स्कोर 900 में से 760 व इससे अधिक है तो उन्हें 8.1 फीसदी की ब्याज दर से लोन मिलेगा। 725 से 759 के बीच क्रेडिट स्कोर रहने पर लोन के लिए ब्याज दर 8.35 फीसदी तय की गई है। वहीं, 675 से 724 के बीच क्रेडिट स्कोर रहने पर 9.1 फीसदी का ब्याज देना होगा। इस प्रकार देखें तो न्यूनतम और अधिकतम ब्याज दरों में 1 फीसदी का अंतर होगा। ऐसे में यदि किसी ग्राहक का क्रेडि​ट स्कोर बेहतर है तो वो 1 फीसदी कम दर पर लोन ले सकता है।



भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को इस बात की अनुमति दे दी है कि एक्सटर्नल बेंचमार्क के आधार पर ब्याज दर तय करने के लिए क्रेडिट रिस्क प्रीमियम चार्ज करें। भारतीय रिजर्व बैंक की इस अनुमति के बाद अब लोन के लिए क्रेडिट स्कोर की जरूरत और बढ़ गई है। 1 अक्टूबर से ही बैंकों ने नए फ्लोटिंग रेट पर रिटेल लोन तय करने के लिए एक्सटर्नल बेंचमार्क अपना लिया है। लोन की पूरी अवधि के दौरान क्रेडिट स्कोर का महत्व उतना ही होगा, जितना की लोन के अप्रूवल के वक्त होगा।




अगर लोन लेने वाले का क्रेडिट स्कोर 760 से नीचे चला जाता है, तो ब्याज ज्यादा देना होगा। अगर किसी उधारकर्ता का सिबिल स्कोर 50 अंक से ज्यादा गिर जाता है तो सिंडिकेट बैंक ने प्रीमियम को बढ़ाने का फैसला किया है।




यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 700 से नीचे के क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों के लिए 10 बेसिस प्वाइंट्स अधिक ब्याज लेगाबता दें कि सिबिल स्कोर 300 से 900 तक होता है, जिसमें 900 हाई लेवल का स्कोर माना जाता है और 300 सबसे कम माना जाता है।




क्रेडिट स्कोर को आम बोलचाल की भाषा में सिबिल स्कोर भी कहा जाता है। ग्राहक का सिबिल स्कोर क्रेडिट सूचना रिपोर्ट (सीआईआर) का 3-अंकीय संख्यात्मक सारांश है, जो कि पिछले क्रेडिट व्यवहार और पुनर्भुगतान इतिहास पर आधारित होता है। इसकी रेंज 300 से 900 तक होती है। स्कोर जितना अधिक होगा, बेहतर ऋण स्वीकृति की संभावना है। ज्यादातर बैंक ऋण को मंजूरी देने से पहले उपभोक्ता के सिबिल स्कोर और रिपोर्ट की जांच करते हैं।