आपदा प्रभावित अराकोट में गर्भवती को नहीं मिल पाई एयर लिफ्ट की सुविधा

आपदा प्रभावित अराकोट क्षेत्र में गर्भवती को नहीं मिल पाई एअरलिफ्ट सुविधा


पहाड़ों में एयर एंबुलेंस आवश्यक



 उत्तरकाशी/देहरादून। पिछले सप्ताह उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के वकआउट क्षेत्र में भारी वर्षा बादल फटने जैसी घटनाओं ने भयानक आपदा का रूप ले लिया था जिसमें अनेकों लोगों की जान गई कुछ लोग लापता हो गए अनेकों मवेशियों का भी पता नहीं चला स्थाई संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा।


 दूसरी तरफ सरकार ने अपने स्तर से राहत पहुंचाने की भरसक कोशिश की जो अंततः नाकाफी साबित हुई इतना ही नहीं राहत सामग्री भी जाने के लिए निजी हेलीकॉप्टर सेवा के उपयोग  पर भरोसा जताया गया जो एक असफल प्रयास बनकर रह गया एक हेलीकॉप्टर में उड़ान भर रहे पायलट, को पायलट सहित तीन लोगों की दुखद मृत्यु हो गई जबकि आज दूसरे हेलीकॉप्टर को बमुश्किल जमीन पर उतारा गया और कोई जान जोखिम की त्रासदी होने से बच गई।


उत्तरकाशी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्र आराकोट न्याय पंचायत में एक गर्भवती की तबीयत बिगड़ गई। मौसम की खराबी की वजह से उसे हेली रेस्क्यू नहीं किया जा सका। अब शुक्रवार को फिर से हेली रेस्क्यू कर महिला को अस्पताल तक लाने का प्रयास किया जाएगा।
दरअसल, उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब सवा दो सौ किलोमीटर दूर स्थित चिवां गांव में पांच दिन आपदा ने तबाही मचाई थी। यहां तक पहुंचने वाले सभी मोटर और पैदल मार्ग अवरुद्ध हैं। हालात ये बन गए थे कि आपदा के बाद रेस्क्यू टीमों को यहां तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। आपदा के 30 घंटे बाद यहां रेस्क्यू टीम को हेली ड्रॉप किया गया था।
इसी गांव के एक तोक में बुधवार रात एक गर्भवती की तबीयत बिगड़ गई। सुबह तक इंतजार करने के बाद परिजनों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई। इस पर गर्भवती को एयरलिफ्ट करने की योजना बनी। मोरी से वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने उसे लाने के लिए उड़ान भरी, लेकिन लैंडिंग की समस्या के चलते यह संभव नहीं हो पाया। इसके तय हुआ कि महिला को कुछ दूरी पर स्थित दूसरे गांव बलावट पहुंचाया जाएगा और वहां से उसे एयर लिफ्ट किया जाएगा। यहां हेलीकॉप्टर लैंडिंग संभावना को देखते हुए यह योजना बनी। 
इस पर एसडीआरएफ की टीम ने महिला को बलावट स्थित राहत शिविर तक पहुंचाया, लेकिन दोपहर बाद मौसम की खराबी की वजह से मोरी से हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार बलावट गांव में महिला के रिश्तेदार भी रहते हैं, फिलहाल उसे उनके घर पर ठहराया गया है। शुक्रवार सुबह उसे एयर लिफ्ट करने के लिए फिर से प्रयास किया जाएगा। बताया गया कि गर्भवती की डिलीवरी तारीख नजदीक है।


ऐसे में जानकारों का मानना है कि उत्तराखंड सरकार को पहाड़ों के दुर्गम रास्तों और आपदा की संभावनाओं को देखते हुए पहाड़ी क्षेत्रों के लिए एयर एंबुलेंस की विशेष व्यवस्था करनी चाहिए ताकि मरीजों को देहरादून अथवा दूसरे क्षेत्रों में लाने के स्थान पर उनके अपने क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।