आरटीआई के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकारों को जारी किया नोटिस

आरटीआई के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकारों को जारी किया नोटिस



नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र व राज्य सरकारों को एक याचिका के संदर्भ में नोटिस जारी किए जिसके माध्यम से सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत लोगों को ऑनलाइन सूचना आवेदन जमा कराने संबंधित शुल्क जमा कराने और सूचना प्राप्त करने की व्यवस्था करने के निर्देश  जारी करने हेतु याचना की गई थी।


अपने आदेश में माननीय न्यायाधीश एन वी रमन की पीठ ने प्रवासी लीगल सेल नामक नामक सेल नामक नामक एनजीओ की ओर से अधिवक्ता जोश अब्राहिम द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई  में पारित किए। इस एनजीओ ने विस्थापितो एवं एन आर आई व्यक्तियों को उनके कानूनी अधिकारों को सशक्त करने के लिए  माननीय न्यायालय से राज्य व केंद्र सरकारों को ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश देने और सूचना को इलेक्ट्रॉनिक मोड से उपलब्ध कराने के निर्देश देने हेतु याचिका दायर की थी।


आरटीआई को एक सशक्त माध्यम बताते हुए अधिवक्ता इब्राहिम ने कहा कि कानून का उद्देश्य तभी पूरा हो सकता हो सकता है जबकि नागरिकों को समय पर सूचना प्राप्त हो इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था आवश्यक है।


अधिवक्ता इब्राहिम ने माननीय न्यायालय को बताया कि आरटीआई अधिनियम की धारा 7 की उप धारा 1 अनुसार सूचना आवेदक को जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ी सूचना, सूचना आवेदन प्राप्त होने के समय से 48 घंटों के अंदर उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है जबकि उपलब्ध व्यवस्था के अंतर्गत ऐसा हो पाना संभव नहीं है जिससे नागरिकों की जीवन जीवन और स्वतंत्रता प्रभावित होती है। याचिकाकर्ता ने माननीय न्यायालय को यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने एन आर आई आई सहित भारतीय नागरिकों के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की थी जिससे सरकार की किसी भी मंत्रालय या विभाग के अधीनस्थ ऑनलाइन सूचना प्राप्त की जा सकती है।


याचिकाकर्ता ने माननीय न्यायालय को यह भी बताया की ऑनलाइन पोर्टल सूचना आवेदन शुल्क और सूचना प्राप्त करने की फीस भी अदा की जा सकती थी। दिसंबर 2013 में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अपने राज्यों में आरटीआई को ऑनलाइन लागू करने की संभावनाओं पर कार्य करने के लिए निर्देश भी दिए थे। याचिकाकर्ता ने माननीय न्यायालय को यह भी बताया कि केंद्र के निर्देश पर केवल दिल्ली और महाराष्ट्र में ही ऑनलाइन सूचना उपलब्ध कराने के लिए पोर्टल की व्यवस्था की थी।


अधिवक्ता इब्राहिम ने माननीय न्यायालय को बताया कि वर्तमान में सूचना आवेदक को भौतिक सूचना आवेदन संबंधित विभाग के पास जमा करना होता है, जिसके साथ सूचना आवेदन शुल्क के लिए पोस्टल आर्डर संलग्न करना होता है जो निर्धारित शुल्क देने के बाद पोस्ट ऑफिस से ही प्राप्त हो सकता है। अधिवक्ता ने कहा कि किसी भी एनआरआई कि किसी भी एनआरआई के लिए ऐसा करना संभव नहीं है क्योंकि इसके लिए उसे भौतिक रूप से डाकघर तथा संबंधित विभाग से संपर्क करना होता है जबकि सूचना आवेदन के समय वह स्वयं भारत में नहीं होता  इसलिए भारत सरकार एवं सभी राज्य सरकारों को यह निर्देश दिया जाना आवश्यक है कि वह अपने यहां ऑनलाइन सूचना देने की व्यवस्था करें।