प्लास्टिक मुद्रा का होगा अंत, डिजिटल भुगतान को दी जाएगी वरीयता

प्लास्टिक मुद्रा का होगा अंत,         डिजीटल भुगतान को दी जाएगी वरीयता



नई दिल्ली। देश में प्लास्टिक मुद्रा का बड़े पैमाने पर जलन होता है करोड़ों की संख्या में लोग डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं भारत में पब्लिक सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक  स्टेट बैंक ऑफ इंडिया इस दिशा में कुछ नया करने की योजना बना रहा है।  भारतीय स्टेट बैंक डेबिट कार्ड को खत्म करके डिजिटल पेमेंट्स पर केंद्रित होने की आकांक्षा रखता है।
स्टेट बैंक के अध्यक्ष रजनीश कुमार के अनुसार के अनुसार स्टेट बैंक अगले 5 सालों में डेबिट कार्ड के सिस्टम को खत्म करना चाहता है जब इसकी कम से कम आवश्यकता रह जाएगी अधिकांश लेनदेन योनो, यूपीआई, पेटीएम जैसे डिजिटल माध्यमों से होगा।
ऐसे में यदि बैंकिंग क्षेत्र के अग्रणी स्टेट बैंक द्वारा डेबिट-क्रेडिट कार्ड कोसमाप्त किया जाता है तो प्लास्टिक मुद्रा आने वाले समय में अतीत की बात हो सकती है। बैंक का मानना है कि डेबिट कार्ड को समाप्त करने से डिजीटल पेमेंट्स के विकल्पों का मार्ग प्रशस्त होगा।
रजनीश कुमार ने सोमवार को मुंबई में कहा कि हमारी यह इच्छा है कि डेबिट कार्ड बंद हो सके और मुझे विश्वास है कि हम उसको बंद कर सकेंगे। हालांकि स्टेट बैंक के कस्टमर डेबिट कार्ड पर बहुत अधिक विश्वास करते हैं इस देश में लगभग 90 करोड़ डेबिट कार्ड धारक है जबकि 3 करोड़ के लगभग क्रेडिट कार्ड उपयोग करने वाले लोग हैं।
उन्होंने बताया कि  स्टेट बैंक की योनो जैसी व्यवस्था से लोग एटीएम से पैसे भी निकाल सकेंगे और बिना डेबिट कार्ड के लेन-देन भी कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि बैंक पहले ही 68000 योनो नगद केंद्र स्थापित कर चुका है और वह अगले 18 महीने में 10 लाख से अधिक कैशपॉइंट लगाने जा रहा है जो डेबिट व क्रेडिट कार्ड व्यवस्था को समाप्त करने के लिए आवश्यक है।  उपभोक्ता क्रेडिट कार्ड को एक विकल्प के रूप में भी अपने साथ रख सकता है।
रजनीश कुमार ने यह भी बताया कि क्यूआर कोड एक महंगा विकल्प साबित हो रहा है भविष्य के लिए वर्चुअल कूपन का मार्ग भी उपलब्ध है।