अपंजीकृत लाईफकेयर पैथलैब जांच में हुई सील

अपंजीकृत लाईफकेयर पैथलैब जांच में हुई सील



देहरादून। नैदानिक स्थापना रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 2010 के अन्तर्गत सभी  क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट का पंजीकरण कराया जाना आवश्यक है समय-समय पर इसके लिए प्रशासन द्वारा  जांच भी की जाती है  जांच में कई बार   अपंजीकृत अवस्थापनाओं  को  पंजीकृत करवाने के लिए निर्देश दिए जाते हैं  तथा उन में पाई गई कमियों को दूर करने के लिए भी निर्देश दिए जाते हैं।  साथ ही कानून का उल्लंघन करने वाले संस्थानों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाती है। 


मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ एस.के गुप्ता ने अवगत कराया है कि नैदानिक स्थापना रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 2010 के अन्तर्गत जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकारी द्वारा गठित टीम ने आज जनपद के डाॅ लाल पैथोलाॅजी में औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें लैब के लिए निर्धारित न्यूनतम मानक क्लीनिक स्टेब्लिसमेंट रूल तृतीय अमेंडमेंट (सेन्ट्रल गर्वरमेंट) 2019 के अनुरूप पाये गये, किन्तु फायर एक्जिट चिन्ह नही पाये जाने पर आवश्यक सुधार के निर्देश दिये गये। टीम द्वारा इससे पूर्व जन शिकायत के आधार पर लाईफकेयर पैथलैब, डाकरा एवं आदर्श मेडिकल स्टोर, सालावाला का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान  लाईफकेयर का पंजीकरण नहीं पाया गया, जिसके कारण टीम द्वारा लैब को सील कर दिया गया। आदर्श मेडिकल स्टोर में बिना पंजीकरण के नियम विरूद्ध प्राइवेट पै्रक्टिस करते हुए पाया गया। टीम द्वारा स्टोर को सील कर दिया गया। इसी प्रकार स्वाति डायग्नोस्टिक पैथलैब, रिस्पना पुल में निरीक्षण के दौरान आंशिक कमियां पाई गई, जिसको दूर करने हेतु टीम द्वारा आवश्यक निर्देश दिये गये।
निरीक्षण के दौरान अपर नगर मजिस्ट्रेट संगीता कन्नौजिया, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ के.के सिंह, प्रधान सहायक दिनेश बिष्ट, कनिष्ट सहायक अभिषेक त्रिपाटी, विनीत पांथरी, नितिन क्षेत्री मौजूद रहे।