देहरादून का जहरीली शराब कांड:
आखिर सरपरस्तों पर कब होगी कार्यवाही। कब जनप्रतिनिधि अपना जनप्रतिनिधित्व दिखाएंगे।
देहरादून। राजधानी का बहुचर्चित जहरीली शराब से हुई मौतों की खुलासा के बाद जनता उद्वेलित है और जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का हिसाब चाहती है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने हालांकि मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं और तीन पुलिस अधिकारियों को भी सस्पेंड कर दिया गया है लेकिन जनता का कहना है कि यह सब दिखावा मात्र है।
स्थानीय जनता का कहना है कि असली मुजरिम कौन है यह सब जानते हैं लेकिन आम आदमी में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह रसूखदारों के आगे खड़े हो सकें और शासन प्रशासन इस कांड में ही नहीं बल्कि ऐसे अनेकों कांड में इस तरह से संलिप्त रहता है। इतना कि वह वास्तविक अपराधियों की तरफ ठीक से इशारा भी नहीं करता बल्कि उन्हें बचाने का हर संभव प्रयास करता है।
बता दें कि शहर कोतवाली क्षेत्र के नशविला रोड से लगी नई बस्ती पथरिया पीर में राजेंद्र (43) पुत्र प्यारेलाल, गुड्डू उर्फ लल्ला (30) पुत्र स्वर्गीय नाथूराम, शरण सिंह 53 पुत्र सुखलाल ने गुरुवार को देसी शराब पी थी जिसके चलते कुछ ही देर में हालत बिगड़ने से तीनों की मौत हो गई। शुक्रवार को ही सुंदर (35) पुत्र अशोक कुमार, आकाश (23) पुत्र किशनलाल और इंद्र (40) पुत्र रामचरण की जहरीली शराब पीने के बाद उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
घटना के बाद मौके पर पहुंचे विधायक गणेश जोशी, डीएम श्री रविशंकर व एसएसपी अरुण मोहन जोशी का लोगों ने पुरजोर विरोध किया लोगों ने पुलिस और आबकारी विभाग पर अवैध रूप से शराब बेचने वालों को संरक्षित करने और उन पर कार्यवाही नहीं करने का आरोप लगाया। स्थानीय निवासी सलूजा, नरेश, राजकुमार आदि लोगों का कहना था कि यहां लंबे समय से शराब का अवैध कारोबार चल रहा है इतना ही नहीं क्षेत्र में शराब की अवैध बिक्री से युवाओं पर गलत असर पड़ रहा है। क्षेत्र में जुआ सट्टा भी चल रहा है और चरस स्मैक भी बिक बिक रही है। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस को दी जाने वाली सूचना लीक हो जाती है। इसके बाद शराब तस्कर शराब के स्टाक को ही गायब कर देते हैं। बबलू, सुमित, रोहित व सतीश का कहना था कि क्षेत्र में बाहर से आकर लोग शराब बेच रहे हैं। पुलिस को सब की जानकारी है लेकिन पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत के चलते तस्करों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं हो पाती और यह कारोबार दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है।
स्थानीय लोगों का यह भी कहना था कि शराब का कारोबारी उसी मोहल्ले में रहने वाला भाजपा का नेता अजय सोनकर उर्फ घोंचू है जिसपर पूर्व में भी कई केस दर्ज हैं तथा जिसे पुलिस और वरिष्ठ राजनीतिज्ञों का संरक्षण प्राप्त है। सोनकर को इस हादसे के बाद से फरार बताया जा रहा है जबकि कथित शराब तस्कर गौरव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि आबकारी विभाग भी इस मामले में संलिप्त है वह बार-बार सूचना दिए जाने पर भी भी जाने पर भी कार्यवाही नहीं करता है जाहिर है कि सभी लोग आपस में मिले हुए हैं।
जानकारों का मानना है कि 7 माह के भीतर रुड़की के झबरेड़ा क्षेत्र में ज़हरीली शराब पीने से हुई 44 लोगों की मौत के बाद देहरादून में दूसरा बड़ा हादसा शराब पीने से हो गया है लेकिन आबकारी मुख्यालय में बैठे अफसरों की फौज हाथ पर हाथ रखे बैठी रहती है।
मौके पर पहुंचने वाले मेयर सुनील उनियाल गामा और घटनास्थल के एकदम नजदीक रहने वाले विधायक गणेश जोशी ने नपे तुले शब्दों में घटना की निंदा करते हुए कहा कि कोई भी अपराधी बचेगा नहीं। कानून अपना काम करेगा।
सवाल यह उठता है कि कानून तो जब अपना काम करेगा तब करेगा। या जब उसे करने दिया जाएगा तब करेगा। लेकिन सत्ता पर काबिज नेता किस दिन अपना जनप्रतिनिधित्व दिखाएंगे जिसके लिए उन्हें चुना गया है और कब अपना सही और उज्ज्वल चरित्र जनता के सामने प्रस्तुत करेंगे ताकि समाज की कुरीतियों को दूर किया जा सके और अपराधियों को समाज से दूर किया जा सके।