देहरादून के एक प्रमुख संस्थान में नाबालिग छात्र से हुआ दुष्कर्म

देहरादून के एक प्रमुख संस्थान में नाबालिग छात्र से हुआ दुष्कर्म



देहरादून। शहर के राजपुर रोड स्थित राष्ट्रीय दृष्टि संस्थान के एक 11 वर्षीय छात्र के साथ उसी स्कूल के एक अन्य 16 वर्षीय छात्र ने संस्थान परिसर में ही दुष्कर्म किया।


 ज्ञात हो कि देहरादून के राजपुर रोड पर स्थित राष्ट्रीय दृष्टि बदी बाधित संस्थान भारत सरकार के शोसल जस्टिस व इम्पावरमेंट मंत्रालय के अधीन संचालित है तथा इस संस्थान में दृष्टिबाधित छात्र ही अध्ययन करते हैं जिनके लिए यहां विशेष व्यवस्थाएं की गई।
संस्थान में हुए इस दुष्कर्म का संज्ञान तब आया जब पीड़ित छात्र ने संस्थान के प्रिंसिपल से शिकायत की जिसके उपरांत आरोपी को पकड़ लिया गया और पुलिस के हवाले किया गया पुलिस ने उसे जुवेनाइल न्यायालय में पेश किया और न्यायालय के आदेश से संस्थान में ही उसे हाउस अरेस्ट में रखा गया है।
पुलिस अतिरिक्त महानिदेशक उत्तराखंड श्री अशोक कुमार ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा की यह घटना 2 सितंबर को घटी थी। जब पीड़ित छात्रों ने संस्थान के प्रधानाचार्य दीपिका माथुर ने आंतरिक पूछ-ताछ के बाद राजपुर रोड पुलिस स्टेशन को 6 सितम्बर को इस घटना की सूचना दी।
 अशोक कुमार के अनुसार क्योंकि यह घटना एक प्रमुख संस्थान से संबंधित थी इसलिए पुलिस ने छानबीन करते हुए इस घटना का संज्ञान लिया। जांच कार्य में भी कुछ समय लगा। पुलिस ने संस्थान को निर्देशित किया कि आरोपी छात्र को संस्थान से बाहर ना जाने दिया जाए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे के अनुसार पुलिस ने आरोपी नाबालिग छात्र को प्रारंभिक जांच के बाद गिरफ्तार कर लिया सब इंस्पेक्टर आरती कालूराम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
 चौबे ने बताया कि आरोपी छात्र 16 वर्ष का है और वह कक्षा 11 का छात्र है और वह पिछले 10 11 वर्षों से संस्थान में रहता है जबकि जबकि पीड़ित छात्र 11 वर्ष का है दोनों ही छात्र उत्तर प्रदेश से संबंधित हैं पीड़ित छात्र गरीब पृष्ठभूमि से आता है। और यह 100% दृष्टि बाधित है जबकि आरोपी छात्र आंशिक रूप से देख सकता है।
 अधिकारियों का कहना था कि दोनों ही पक्ष नाबालिक हैं और मामले में जांच की काफी गुंजाइश थी इसलिए इस विषय को जुवेनाइल न्यायालय तक ले जाने  में कुछ समय लगा।
 पुलिस के अनुसार आरोपी को 12 सितंबर को गिरफ्तार करके जुवेनाइल कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया गया था जहां उसे हाउस अरेस्ट में रखने के आदेश दिए गए थे।
 पुलिस ने मामले को आईपीसी की धारा 377 के अंतर्गत दर्ज कर लिया है।