एचओजी सिस्टम पलटेगा रेलवे की काया और माया
- यात्रियों को मिलेंगी 4 लाख अतिरिक्त सीटें
- रेलवे को मिलेगा अतिरिक्त राजस्व
- नहीं रहेगी अतिरिक्त पावर कार की आवश्यकता
- एचओजी सिस्टम से उत्तर रेलवे को होगी 42 करोड़ की बचत।
हेड ऑन जनरेशन' सिस्टम के जरिए रेलवे ट्रेन में लगने वाले अतिरिक्त बिजली के इंजन को हटा दिया जाएगा और इसके बदले में यात्रियों को डिब्बा जोड़ा सकता है।
नई दिल्ली। रेलों मैं अभी तक रेलों को चलाने के लिए आवश्यक पावर एक अतिरिक्त बोगी 'पावर कार' के माध्यम से ली जाती है। हाल ही में उत्तर रेलवे ने 'हेड ऑन जनरेशन' (HOG) सिस्टम के तहत 14 जोड़ी ट्रेनों को परिवर्तित किया है। एचओजी प्रणाली लागत प्रभावी है और भारतीय रेलवे को अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने में मदद करेगी।
दरअसल इस प्रणाली के तहत पावर कारों को यात्री डिब्बों में बदल दिया जाएगा। जिससे लगभग 4 लाख और सीटें हो जाएंगी और इसका फायदा भारतीय रेल को होगा।
हेड ऑन जनरेशन' सिस्टम के जरिए रेलवे ट्रेन में लगने वाले अतिरिक्त बिजली के इंजन को हटा दिया जाएगा और इसके बदले में यात्री डिब्बा जोड़ा सकता है। इस नई टेक्नोलॉजी से ट्रेन इंजन से पावर जनरेट होगी और बिजली के लिए अतिरिक्त पावर कार नहीं जोड़नी होगी। इस कारण से एसी और लाइटिंग के लिए इंजन से ही पावर जनरेट हो जाएगा। अभी इस तरह के काम के लिए हर ट्रेन में 1 से 2 अतिरिक्त पावर कार जोड़ी जाती हैं।
उत्तर रेलवे ने एक बयान में कहा कि वर्तमान में शताब्दी की छह जोड़ी, राजधानी की चार जोड़ी, 12235/36 आनंद विहार टी – मधुपुर जंक्शन। हमसफर एक्सप्रेस, 22401 दिल्ली सराय रोहिल्ला- उधमपुर एसी एक्सप्रेस, 12280/79 ताज एक्सप्रेस और 12497/98 शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस इस प्रणाली पर चलाई जा रही है। एचओजी सिस्टम का उपयोग उत्तर रेलवे को सालाना लगभग 42 करोड़ की बचत करने में मदद करेगा।
यात्रियों को भविष्य की सुरक्षा और सुविधा प्रदान करने के लिए भारतीय रेलवे ने अपने सभी इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) कोचों को लिंके हॉफमैन बुश (LHB) कोच में बदलना शुरू कर दिया है। एक यात्री ट्रेन की जरूरतों में बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए, जो एयर कंडीशनिंग, लाइट्स, पंखे, चार्जिंग पॉइंट और पेंट्री की जरूरतों को पूरा करने के लिए निर्बाध बिजली की आपूर्ति को सामूहिक रूप से “होटल लोड” कहते हैं।
इसके लिए जनरेटर के तौर पर पावर कार का उपयोग किया जाता है। पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, पावर सप्लाई सिस्टम और कंट्रोल सिस्टम में टेक्नोलॉजी के बढ़ने से अब रेलवे HOG सिस्टम अपना रहा है। इस सिस्टम में सीधे ट्रेन के इंजन से ही पावर की सप्लाई की जा सकती है और पावर कार्स की जरूरत नहीं होती।
बता दें कि रेलवे में पैसेंजर भोगियों के लिए उपयोग में आने वाले एसी कूलर पंखे हीटर आदि के लिए पावर की आवश्यकता होती है जिसे अभी तक हो ईओजी सिस्टम से लिया जाता है। इस सिस्टम में खपत अधिक होने के कारण अतिरिक्त बोगियां लगाया जाना संभव नहीं हो पाता जबकि एच ओ जी सिस्टम से रेल के इंजन से ही बिजली बनाई जा सकती है और इसे ऊर्जा दक्षता के रूप में लिया जाता है। एचडी सिस्टम उपयोग में लाने पर पावर कार को यात्री बोगी में बदला जा सकता है जिसमें अतिरिक्त यात्रियों के लिए स्थान बनेगा साथ ही रेलवे को भी ऊर्जा दक्षता के साथ साथ अतिरिक्त यात्रियों से अतिरिक्त राजस्व भी प्राप्त होगा।