नए यातायात नियम : यूपी में अभी लागू नहीं हरियाणा में पंजाब हिचकिचाहट

नए यातायात नियम : यूपी में अभी लागू नहीं हरियाणा में पंजाब हिचकिचाहट



  • देवभूमि में वाहन चालकों की सुविधा की जगह वसूली पर नज़र।


 


देहरादून। मोटर व्हीकल एक्ट संशोधन 2019 उत्तर प्रदेश में अभी लागू नहीं होगा हरियाणा और पंजाब हिचकी जा रहे हैं लेकिन उत्तराखंड में जोरदार शुरुआत हो चुकी है और सरकार प्रदेशवासियों को सुविधा देने के बजाय अपना  खजाना भरने में जुटी है। 


उत्तर प्रदेश सरकार फिलहाल नया मोटर व्हीकल एक्ट नहीं लागू करेगी। राज्य के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने कहा कि सरकार ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर नई दरों पर विचार कर रही है। जनहित के ध्यान में रखते हुए ही राज्य सरकार उत्तर प्रदेश में इसे लागू करने पर विचार कर रही है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में भी नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू है, जिसके तहत लोगों से जुर्माने की भारी-भरकम राशि वसूली जा रही है।


योगी सरकार के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने कहा कि नये मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में जब तक कोई निर्णय नहीं लिया जाता, प्रदेश में जुर्माने की पुरानी दरें ही लागू रहेंगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सूबे में चार पहिया वाहन में सीट बेल्ट न लगाने, दोपहिया वाहन पर हेलमेट न लगाने जैसे नियमों के उल्लंघन में पुरानी दरों के आधार पर ही जुर्माना वसूला जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बाबत यातायात पुलिस को भी निर्देश दे दिये गये हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर जुर्माना लगने के बाद कोई वाहन मालिक अदालत जाएगा तो उसे नई दरों के हिसाब से ही शमन शुल्क वहन करना होगा।


इससे पहले गुरुवार को पुलिस उप महानिरीक्षक  यातायात ने राज्य के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधिक्षकों को पत्र लिख कर वाहन चेकिंग के नाम पर आम जनता को प्रताड़ित न करने का आदेश दिया है। अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि केवल वाहनों के कागजात चेक करने के लिए वाहनों को न रोका जाए। केवल हेलमेट न पहनने वाले और सीटबेल्ट और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को ही रोका जाए,इसके अलावा ट्रैफिक नियमों और संकेतों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के ही कागजात चेक किए जाएं। दो पहिया वाहनों की चेकिंग के साथ ही चार पहिया वाहन खासतौर पर एसयूवी आदि बड़े वाहनों चेकिंग पर खास ध्यान दिया जाए। इसके अलावा नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ समान, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कार्यवाही की जाए।