पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधा बहाली को रूलेक चुनौती
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को निशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे आवासों के संबंध में रुरल लिटिगेशन एंड एंटाईटलमेंट केंद्र (रुलेक) संस्था के प्रमुख अवधेश कौशल ने माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल में एक याचिका दायर की थी जिसके परिपेक्ष में माननीय उच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिए थे कि पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवास में को खाली कराया जाए। साथ ही उनसे उस अवधि का सरकारी घर पर किराया वसूल किया जाए, जो उन्होंने मुख्यमंत्री पद त्यागने के पश्चात उपयोग किया है।
उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों को धता बताते हुए एक नया अध्यादेश जारी कर दिया जिससे पूर्व मुख्यमंत्रियों को उनके द्वारा उपयोग किए जा रहे भवनों को खाली नहीं करना पड़ेगा और नहीं है कोई किराया देना पड़ेगा हालांकि इस अध्यादेश के माध्यम से प्रदेश सरकार ने यह सुविधा केवल पूर्व मुख्यमंत्रियों को ही उपलब्ध कराई है तथा भविष्य में जो मुख्यमंत्री होंगे उन्हें यह सुविधा उनके कार्यकाल के बाद उपलब्ध नहीं होगी ।
सरकार द्वारा जारी किए गए अध्यादेश से माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना होती है इसी परिपेक्ष में पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधा बहाली के उत्तराखंड सरकार के अध्यादेश को नैनीताल हाईकोर्ट में चैलेंज किया है। आज मामला दर्ज किया गया है। इसकी सुनवाई गुरुवार को होगी।
बता दें कि राजभवन ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी। इस अध्यादेश में नया प्रावधान जोड़ा गया है। जिसके तहत अभी तक के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को ही सुविधा मिल सकेंगी। भविष्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को ये सुविधाएं नहीं दी जाएंगी।
पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास समेत अन्य सुख-सुविधाओं के संबंध में अध्यादेश को बीती 13 अगस्त को राज्य मंत्रिमंडल ने गुपचुप तरीके से मंजूरी दी थी। मंत्रिमंडल से मंजूर उक्त अध्यादेश को हफ्तेभर बाद राजभवन भेजा गया। राजभवन ने भी इस अध्यादेश को मंजूरी देने में 15 दिन से ज्यादा वक्त लिया था।