कहीं सीता के लिए प्रयुक्त अपशब्द से जनमानस हुआ आक्रोशित तो कहीं ताड़का का पात्र आग से झुलसा

कहीं सीता के लिए प्रयुक्त अपशब्द से जनमानस हुआ आक्रोशित तो कहीं ताड़का का पात्र आग से झुलसा



नवरात्रों से हिंदुओं के पवित्र त्योहारों का सिलसिला  शुरू हो जाता है  और इसी दौरान  दशहरे से पूर्व  पवित्र रामायण ग्रंथ के अनुसार रामलीला का मंचन  जगह जगह पर किया जाता है  उत्तराखंड के उधम सिंह नगर स्थित  रुद्रपुर में भी इन दिनों रामलीला का मंचन किया जा रहा है जहां एक विचित्र घटना सामने आई है रामलीला के संवाद अति पवित्र  माने गए हैं  इसमें किसी प्रकार की अश्लीलता व अशोक नेता हिंदू धर्म के विपरीत मानी गई  परंतु रुद्रपुर में हो रही रामलीला में जो कलाकार भाग ले रहे हैं वे न तो राम की मर्यादा का ख्याल रख रहे हैं और न ही अपनी मर्यादा का ख्याल रख पा रहे हैं।


वाकया है रुद्रपुर में आयोजित की जा रही रामलीला का मंचन जिसमें भारतीय जनता पार्टी के विधायक राजकुमार ठुकराल भी प्रतिभाग कर रहे हैं ठकराल रावण का किरदार निभा रहे हैं और माता सीता के साथ संवाद में उनके द्वारा प्रयोग की गई भाषा लोगों को कतई रास नहीं आ रही है जानकार लोगों के अनुसार रावण ने कभी भी माता सीता के साथ हुए अभद्र व्यवहार नहीं किया होगा, लोगों का तो यहां तक मानना है कि रावण ने भले ही माता सीता का हरण किया हो, उन्हें अपनी लंका नगरी में बंदी बनाकर रखा हो लेकिन कभी भी उनका अपमान नहीं किया। न ही उनके साथ किसी प्रकार की हीन भावना का प्रदर्शन किया।


रुद्रपुर में आयोजित हो रही रामलीला में हमेशा अपने विवादित बयानो में घिरे रहने वाले भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। विधायक ठकुराल रामलीला में रावण का पात्र निभाते हुए, रावण-सीता संवाद के दौरान के माता सीता के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर दिया। उन्होंने एक सम्वाद में माता सीता को "सीता मेरी जान" कहकर सम्बोधित किया, जिससे स्थानीय जनमानस में रोष है।
एक और श्री राम के नाम से भारतीय जनता पार्टी देश में पूर्ण प्रचंड बहुमत से अपनी सरकार बनाती है तो वहीं उसी भाजपा के ही एक विधायक माता सीता को रामलीला के मंच से सवांद के दौरान कलंकित करने वाले शंब्दो का प्रयोग करते है। विधायक ठुकराल हमेशा से चर्चाओं और सुर्खियों में अपने दिए विवादित बयानों से आये दिन बने रहते है। रामायण के किसी भी पन्ने में 'सीता मेरी जान' के शब्दों से रावण ने सीता से कोई भी हुए संवाद का जिक्र तक नहीं है। उसके बाद भी सिर्फ सुर्खियाँ बटोरने और दर्शकों की सीटी और तालियों की आवाज़ सुनने के लिए विधायक अपनी अमर्यादा को भूल कर माता सीता का खुले मंच से अपमान करते दिखाई देते है।


वहीं मीडिया से बातचीत में विधायक ने बताया कि प्रभु राम चंद्र जी के आदेश से रावण की भूमिका निभाता हूँ और जनता मेरे इस पात्र को पसंद करती है, जिससे यह प्रतीत होता है कि विधायक को अपने किए पर कोई पछतावा या पश्चाताप नहीं है।


इस पूरे मामले में विपक्ष के पूर्व केबिनेट मंत्री तिलक राज बेहड़ ने कहा सीता को 'मेरी जान' के नाम से कभी भी रावण ने माता सीता को नहीं पुकारा था। एक जनप्रतिनिधि को ऐसा संवाद शोभा नहीं देता। इसके साथ ही बेहड़ ने कहा कि किसी जनप्रतिनिधि को ऐसे अशोभनीय शब्द नहीं बोलने चाहिए। जनप्रतिनिधियों की बोल-चाल से आमजन के चरित्र पर भी असर पड़ता है।


वहीं इस मामले में जब जानकर और इतिहासकार श्री श्री 1008 बाबा शिवानंद जी से जानकारी ली गई कि क्या रामायण या किसी ग्रन्थ में ये शब्द लिखे है जो विधायक राजकुमार ठुकराल अपने रामलीला में अभिनय के दौरान होने वाले माता सीता से संवाद में बोले हैं तो उन्होंने साफ़ तौर पर भाजपा विधायक ठुकराल को तथाकथित रावण बताते हुए कहा कि रावण ने तो सीता माता को छूए बिना ही हरण किया था, इसके अलावा किसी भी रामायण या रामलीला या किसी भी ग्रन्थ में कही नहीं लिखा है कि रावण ने सीता हरण के दौरान 'सीता मेरी जान' जैसे अभद्र और अशोभनीय संवाद किया हो।


उधर मुजफ्फरनगर में रामलीला के दौरान घटी बड़ी घटना, ताड़का का रोल कर रहे युवक को आग से करतब करते समय लगी भयंकर आग, आनन-फानन में आग से झुलसे युवक को जिला चिकित्सालय में कराया गया भर्ती, गंभीर हालत के चलते डॉक्टरों ने झुलसे युवक को मेरठ किया रेफर, नगर कोतवाली क्षेत्र के रामपुरी में रामलीला मंचन के दौरान हुई घटना।